वणी टाईम्स न्यूज : इसे आस्था कहें या अंधश्रद्धा, चमत्कार कहें या कोई वैज्ञानिक घटना। शहर के कई मंदिरों में आज श्रद्धालु भगवान शिव के नंदी बैल को चम्मच से पानी पिलाते नजर आए। नंदीजी को पानी पिलाने के लिए महिलाओं का तांता लग गया था। लोगो का दावा है कि नंदी बैल सचमुच पानी पी रहा है। वणी शहर के विभिन्न मोहल्लों में शुक्रवार रात तक नंदी को पानी पिलाने के लिए लोग मंदिर में आ रहे थे।
शहर में शनिवार को आयोजित कांवड़ यात्रा से ठीक एक दिन पहले नंदी के पानी पीने की खबर वायरल हुई। और देखते ही देखते जिस भी मंदिर में शिव की मूर्ति है उसके बाहर भक्तों की भीड़ लग गई। नंदी को पानी पिलाने के लिए खासकर महिलाओं का हुजूम लग गया। कई महिलाओं ने तो दावा किया कि नंदी महाराज ने उनके हाथ से जल पिया है। शहर के जैताई मंदिर, यात्रा रोड, विट्ठलवाडी, रविनगर, नांदेपेरा रोड, जिला परिषद कॉलोनी व अन्य कई जगहों पर मंदिर में स्थित नंदी के पानी पीने का चमत्कार देर रात तक शुरू था।
विज्ञान और चमत्कार के बीच अक्सर ही बहस छिड़ी रहती है. बात जब ईश्वर से जुड़ी किसी घटना की हो, तो भगवान पर आस्था रखने वाला हर भक्त इसे चमत्कार ही बताता है। लेकिन, आधुनिक युग में चमत्कार और विज्ञान की लड़ाई भी लगातार चलती ही है। वर्ष 1995 में गणेशजी के दूध पीने की खबर फैलने के बाद पूरा देश मंदिरों में दूध की कटोरी व चम्मच लेकर जमा हो गया था। हिंदू धर्म में विशेष मान्यता रखने वाला सावन का महीना चल रहा है। यह महीना भगवान शिव की पूजा करने को खुश करने के लिए विशेष मान्यता भी रखता है।
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