वणी टाईम्स न्यूज : विभिन्न प्रकार के अवैध व नाजायज धंधों के लिए वणी शहर का नाम यवतमाल जिले में ही नही बल्कि पूरे राज्य में जाना जाता है। साहित्यक व सांस्कृतिक नगरी के नाम से पहचाना जाने वाला यह शहर अब क्रिकेट सट्टा, कोयला चोरी, रेती तस्करी, शराब बिक्री, भंगार चोरी, मुर्गा बाजार, मटकापट्टी, सट्टा, झंडीमुंडी, 52 पत्ता, तीन पत्ती, देह व्यापार आदि अवैध व्यवसाय के गढ़ के रूप में पहचान बना चुका है। विशेष तौर से मटका पट्टी यह वणी में बारह महीने चलने वाला व्यवसाय बन चुका है। गौरतलब है कि तेलंगाना व आंध्र प्रदेश के कई शहरों से जुआ खेलने के शौकीन लोग मटका खेलने के लिए प्रतिदिन वणी आते है।
पुलिस इन मटका पट्टी अड्डा चलाने वालों के खिलाफ लगातार कार्यवाही भी करती है। मगर पुलिस कार्यवाही में हर बार सिर्फ प्यादों पर अपराध दर्ज किया जाता है। जबकि मटका सट्टा चलाने वाले असली संचालक पुलिस की पकड़ से बाहर रह जाते है। पुलिस जिस आरोपी को मटका पट्टी फाड़ते हुए पकड़ कर अपराध दर्ज करती है, असलियत में वो मटका संचालक के लिए दिहाड़ी मजदूरी पर काम करने वाला मजदूर होता है। जिसे पकड़े जाने के कुछ घंटे बाद ही जमानत पर छोड़ दिया जाता है।
शहर की कुछ विशिष्ट जगहों पर लगातार मटका पट्टी फाड़ने का कार्य अनवरत शुरु रहता है। जिनमे सब्जी मंडी, एकता नगर बस स्टॉप के पास, एकता नगर नगर परिषद कॉम्प्लेक्स, सिंधी कॉलोनी, मनोहर बार के पास, मातोश्री बार के सामने, दीपक चौपाटी यह नाम मटका जुआ खेलने वालों की पसंदीदा जगह है। पुलिस विभाग द्वारा पूरे शहर में जगह जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। जिसका कंट्रोल रूम स्थानीय पुलिस थाने में है। बावजूद इसके मटका पट्टी का व्यवसाय धड़ल्ले से चल रहा है।
पुलिस द्वारा मटका पट्टी अड्डों पर छापा मारने के बाद पकड़े गए व्यक्ति के पास से अत्यल्प रकम जब्त की जाती है। लाखो रुपए प्रतिदिन का धंधा होने के बावजूद पुलिस को किसी काउंटर से 430 रुपए तो किसी मटका चालक के पास 720 रुपए मिलते है। पकड़े गए आरोपी से पूछताछ में वह किसके लिए काम कर रहा है, यह जानकारी मिलने के बावजूद मटका संचालक को मुख्य आरोपी के रुप में दर्ज करने की बजाय पुलिस सिर्फ पकड़े गए व्यक्ति को ही आरोपी बनाती है। जबकि मटका व्यवसाय से जुड़े मुख्य सूत्रधार कानून की पकड़ से बाहर खुलेआम घूम रहे है।
एस.पी. चिंता के फरमान ने बढ़ाई चिंता ..!
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक कुमार चिंता के एक फरमान ने अवैध व्यवसायिको की चिंता बढ़ा दी है। एस.पी. ने जिले के सभी थानेदारों को अपने क्षेत्र में मटका, जुआ, गुटखा, अवैध शराब बिक्री सहित सभी अवैध व्यवसाय पूर्ण रूप से बंद करने के मौखिक आदेश दिए है। एस.पी. महोदय के आदेश पर कितना अमल होता है ? यह आने वाले कुछ दिनों में देखने को मिलेगा।