जितेंद्र कोठारी, वणी : विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते शिवसेना (उबाठा) से निष्कासित पूर्व विधायक विश्वास नांदेकर आखिरकार शिवसेना (एकनाथ शिंदे) पार्टी में शामिल हो गए। नागपुर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में विश्वास नांदेकर अपने कार्यकर्ताओं सहित औपचारिक रूप से शिवसेना में शामिल हो गए। विश्वास नांदेकर के शिवसेना (शिंदे) में शामिल होने से वणी विधानसभा क्षेत्र में शिंदे सेना को नया सारथी मिल गया है।
शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के विचारों से प्रभावित होकर लगभग 3 दशक पहले विश्वास नांदेकर ने शिवसेना ज्वॉइन की। वणी विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना को मजबूत करते हुए 2004 के चुनाव में जीत हासिल कर विधायक बने। मगर उसके बाद लगातार 3 चुनावो में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। शिवसेना में दो फाड़ के बावजूद विश्वास नांदेकर उद्धव ठाकरे के सिपहसालार बने रहे। मगर 2024 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कट्टर शिवसैनिक पूर्व विधायक विश्वास नांदेकर को दरकिनार कर 2 वर्ष पूर्व शिवसेना में शामिल हुए संजय देरकर को टिकिट दिया।
पार्टी के इस रवैए से नाराज विश्वास नांदेकर ने विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी का साथ देने की बजाय दूसरे उम्मीदवार का प्रचार किया। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विश्वास नांदेकर को शिवसेना जिलाप्रमुख पद सहित पार्टी से बर्खास्त कर दिया। जिसके बाद से नांदेकर एकनाथ शिंदे के साथ जाने की चर्चा जोरों पर थी। आखिरकार शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विश्वास नांदेकर ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ शिवसेना (शिंदे) पार्टी की कमान संभाल ली।
स्थानीय निकाय चुनावों में दोनों पक्ष होंगे आमने सामने
लगभग 20 साल बाद वणी विधानसभा से शिवसेना का विधायक चुना गया है। विधायक संजय देरकर के रुप में उद्धव ठाकरे को वणी में नया कप्तान मिला है। वहीं पूर्व विधायक विश्वास नांदेकर शिवसेना (शिंदे) में शामिल होने से एकनाथ शिंदे को वणी विधानसभा का सारथी मिल गया है। विधायक संजय देरकर व पूर्व विधायक विश्वास नांदेकर का अपना अपना वोट बैंक है। आने वाले स्थानीय निकायों के चुनाव में दोनों ही पक्ष अपना दमखम दिखाने की कोशिश करेंगे।