वणी टाईम्स न्युज : मुंबई के घाटकोपर में अवैध रूप से लगाई गयी होर्डिंग की वजह से हुई भीषण दुर्घटना के बाद वणी नगर परिषद ने अवैध होर्डिंग हटाने का अभियान शुरू किया है। नगर परिषद की इस कार्रवाई को देखते हुए शहर की कई इमारतों पर अवैध रूप से लगाए गए मोबाइल टॉवर्स पर भी कार्रवाई करने की मांग स्थानीय नागरिकों द्वारा की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि शहर में कई बड़ी इमारतों पर अवैध रूप से मोबाइल टावर लगाए गए है। इनमें से कुछ इमारतें ऐसी भी है जो जर्जर हो चुकी हैं, लेकिन उनकी छतों पर मोबाइल टावर लगे हुए देखे जा सकते हैं। मोबाइल टावर लगाने के लिए नगरपालिका से अनुमति लेना जरूरी होता है। लेकिन कुछ इमारतों पर बिना अनुमति मोबाइल टावर लगाए जाने की जानकारी है। इसके अलावा जिस इमारत पर मोबाइल टावर लगाए गए है, उन इमारतों का कई सालो से स्ट्रक्चरल ऑडिट ही नही किया गया है।
जानकारी के अनुसार कई इमारतों पर सिर्फ एक कंपनी का टावर लगाने की अनुमति ली गई है। मगर बाद में किराए के लालच में एक ही टावर पर कई सेलुलर कंपनियों के एंटीना लगाए गए है। जानकारी के अनुसार एक मोबाइल टावर का किराया प्रति महीने 60 से 70 हजार के आसपास होता है। इसी लालच की वजह से लोग अपनी इमारतों पर मोबाइल टावर लगा देते हैं। सवाल उठता है कि यदि ऐसे में कोई दुर्घटना घट जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ?
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षो से विदर्भ में चक्रवाती हवाओं का सिलसिला शुरू है। कुछ वर्ष पहले आए भयंकर चक्रवाती तूफान में दूरसंचार विभाग का 800 टन वजन का भारीभरकम टावर भरभराकर गिरने की घटना मुकुटबन में घटी थी। संयोग से उक्त टावर गांव के बाहर एक पहाड़ी पर होने की वजह से कोई जनहानि नही हुई। लेकिन शहर में लगे विशालकाय मोबाइल टावर गिरने की दशा में बड़े पैमाने पर जन धन की हानि होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है।