जितेंद्र कोठारी, वणी : रविवार को शहर पुलिस डीबी दस्ते ने प्रतिबंधित तंबाखू तस्करी का भंडाफोड़ करते हुए नागपुर से दूध की आपूर्ति करने वाले वाहन से 4 लाख 86 हजार रुपए मूल्य की तंबाखू की खेप जब्त की । इस मामले में पुलिस ने वाहन चालक व खलासी को गिरफ्तार किया है। मगर प्रतिदिन लाखो रूपयो की तंबाखू तस्करी करने वाली बड़ी मछलियां अभी भी पुलिस पकड़ के बाहर है। तस्करी के मुख्य सूत्रधारो के बारे में पुलिस को जानकारी नहीं है ऐसी भी बात नही है। मगर तस्करो की ऊपर तक पहुंच व पुलिस विभाग के विभीषणों से मधुर संबंधों के चलते वो हर बार कार्यवाही से बच निकलने में कामयाब हो रहे है।
पुलिस द्वारा कई दफा रेती, शराब व तंबाखू तस्करो के खिलाफ कार्यवाही की जाती रही है। मगर हर बार सिर्फ तस्करी करने वाले वाहन के चालक को ही आरोपी बनाया जाता है। विस्तृत जांच कर तस्करी के मुख्य सूत्रधार को पकड़ने की जहमत पुलिस नही उठाती है। वाहन चालक तस्करी के रैकेट का एक मामूली मोहरा होता है।प्रतिबंधित तम्बाखू का सप्लायर व खरीददार को सिर्फ आर्थिक नुकसान होता है। लेकिन पुलिस कार्यवाही से वो साफ बच निकलते है।
यह बात सर्वश्रुत हैं की, जिले में सबसे ज्यादा बियर बार व पान टपरिया अकेले वणी शहर में है। इन पान टपरियो पर प्रतिदिन खुलेआम प्रतिबंधित खर्रा बेचा जा रहा है। राज्य में सुगंधित सुपारी, तंबाखू, गुटखा पर प्रतिबंध होने के कारण दुकानों पर यह माल बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होता है। ऐसे में कई लोग पड़ोसी राज्यों से तस्करी के द्वारा तंबाखुजन्य पदार्थ लाकर महंगे भावों पर इन पान टपरियो को सप्लाई करते है। अन्य राज्यो में 400 रुपए में मिलने वाला मजा 120 सुगंधित जाफरानी का एक डब्बा शहर में 950 रूपयो से लेकर 1100 रूपये में बेचा जा रहा है। गुटखा व तस्करी के व्यवसाय में दोगुनी कमाई के चलते कई लोग इस धंधे में हाथ आजमा रहे है।
रविवार को पकड़े गए वाहन चालक व खलासी को आज न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। कुछ दिनों बाद उनकी जमानत भी हो जायेगी। लेकिन तंबाखू तस्करी के इस गिरोह की जड़ों तक नए थानेदार अनिल बेहरानी पहुंच पाते है नही ? यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।